Jul 31, 2024, 12:30 PM IST
महाभारत के समय गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य सभी ने भगवान शिव को प्रसन्न किया. वह इसके बाद पांडवों के शिविर में चले गए.
अश्वत्थामा ने पांडवों के शिविर में जाकर पांडवों के सभी पुत्रों का सोते हुए ही वध कर दिया. इस बात पर पांडव नाराज हो गए और भगवान शिव को अपराधी समझने लगे.
पांडव भगवान शिव से युद्ध करने के लिए निकल पड़े. उन्होंने भगवान शिव से युद्ध किया. इससे शिव जी क्रोधित हो गए.
जब पांडवों ने शिव जी पर वार किया तो सारे अस्त्र-शस्त्र भगवान शिव जी में विलीन हो गए थे.
पांडव श्रीकृष्ण के भक्त थे इसलिए उन्हें शिव जी ने अपराध का फल नहीं दिया. उन्होंने यह श्राप दिया कि तुन्हें इसका फल कलियुग में मिलेगा.
भगवान शिव के श्राप के बाद सभी पांडव श्रीकृष्ण के पास पहुंचे. तब उन्होंने बताया कि, कलयुग में किसका जन्म कहां होगा.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.