Feb 15, 2024, 11:30 AM IST

पंचमुखी गणेशजी की पूजा क्यों और कैसे करें?

Ritu Singh

पंचमुखी हनुमान जी के बारे में तो आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या कभी पंचमुखी गणेश जी के बारे में सुना है?

स्कंद पुराण में पंचमुखी गणेशजी की पूजा के बारे में बताया गया हौ ओर साथ ही उनके पंचकोशों का महत्व भी बताया गया है. तो चलिए जानें पंचमुखी गणेश जी की पूजा कैसे करें और उनकी पूजा के लाभ क्या हैं.

पांच मुख वाले गणपति बप्पा को पंचमुखी गजानन कहा जाता है, वेदों में आत्मा की उत्पत्ति, विकास, विनाश और गति को पंचकोश कहा गया है.  भगवान गणेश के पांच मुख सृष्टि के इन पांच रूपों का प्रतीक हैं.

पंचमुखी गणेश को चार दिशाओं और एक ब्रह्मांड का प्रतीक भी माना जाता है. इसलिए वह अपने भक्तों की चारों दिशाओं से रक्षा करते हैं.

पंचमुखी गणेशजी को  घर की उत्तर या पूर्व दिशा में रखना बहुत शुभ माना जाता है.

पंचमुखी स्वरूप किसी भी देवता में सबसे खास होता है और मान्यता है कि उनकी पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए इन 3 विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए.   श्री महागणपति प्रणव मूल मंत्र: ॐ। ॐ वक्रतुण्डाय नम:।  ॐ गं गणपतये नम: ॐ श्री गणेशाय नम:।  ॐ नमो भगवते गजाननै।  ॐ वक्रतुण्डाय ह्म। का जाप करें.

पंचमुखी गणपति जी को दूर्वा जरूर चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं.  बाकी पूजा विधि वही होती है जो गणपति जी के एक मुखी मूर्ति के लिए निर्धारित है.