रावण के पैर के नीचे दबा ये नीला आदमी कौन था? जिसे हनुमानजी ने कराया था मुक्त
Ritu Singh
रावण के सिंहासन पर उसके पांव के पास एक व्यक्ति लेटा हुआ आपने कई बार तस्वीरों में देखा होगा.
रावण के पैर के नीचे दबे इस इंसान का शरीर नीला था और ये उल्टे मुंह लेटा हुआ था.
रावण ज्योतिष शास्त्र का ज्ञाता था. रावण चाहता था कि उसका पुत्र दीर्घायु और सर्व शक्तिमान हो.
जब रावण की पत्नी मंदोदरी मेघनाथ को जन्म देने वाली थी तब रावण चाहता था कि उसका पुत्र ऐसे नक्षत्रों में पैदा हो जिससे वह महा-पराक्रमी और दीर्घायु हो.
इसके लिए रावण ने सभी ग्रहों को मेघनाथ के जन्म के समय शुभ और सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहने का आदेश दिया.
रावण के डर से सारे ग्रह रावण की इच्छानुसार शुभ व उच्च स्थिति में विराजमान हो गए, लेकिन शनिदेव ने रावण की बात नहीं मानी.
तब रावण ने शनि को अपने बल से काबू में कर लिया और उनको पैर के नीचे दबा दिया ताकि शनि मेघनाथ के जन्म के समय कोई अड़चन न डाल सकें.
शनिदेव भले ही रावण के पैर के नीचे थे लेकिन मेघनाथ के जन्म के समय शनिदेव ने अपनी दृष्टी वक्री कर दी थी. जिसकी वजह से मेघनाद अल्पायु हो गया था.
बाद में हनुमान जी ने शनि महाराज को रावण की कैद से आजाद कराया था इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा मैं उसे कभी कष्ट नहीं दूंगा.