Apr 25, 2025, 11:31 AM IST

शादी-शुदा महिलाओं को क्यों पहनना चाहिए चांदी?

Smita Mugdha

हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, महिलाओं के 16 श्रृंगार में चांदी के जेवर पहनने की प्रथा भी है. इसमें बिछिया और पायल प्रमुख हैं.

शादी-शुदा महिलाओं के लिए चांदी पहनना एक महत्वपूर्ण परंपरा है. इसके साथ धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं जुड़ी हैं.

ज्योतिष के अनुसार, चांदी का सीधा संबंध शुक्र और चंद्रमा ग्रहों से होता है. चांदी को शुक्र ग्रह की धातु माना जाता है. 

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, कला, विलासिता, रोमांस और खुशी का कारक माना जाता है.

चांदी शुक्र और चंद्रमा को मजबूत बनाता है, जो सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रमुख ग्रह माने जाते हैं. 

चांदी को शुक्र ग्रह की धातु माना जाता है, इसलिए चांदी पहनने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और उसके शुभ प्रभाव मिलते हैं. 

वैज्ञानिक आधार पर माना जाता है कि चांदी के बर्तन पित्त के लिए अच्छे होते हैं. चांदी पहनने से शरीर में हार्मोन संतुलित रहते हैं. 

देश के अलग-अलग प्रांतों में चांदी के जेवर किसी न किसी रूप में पहनने, जैसे कि कड़ा, पायल, बिछिया, बाजूबंद के तौर पर प्रचलित है.

नोट: यहां सामान्य धार्मिक मान्यताओं और प्रचलित लोक विश्वास के आधार पर जानकारी दी गई है.