Nov 23, 2023, 12:29 AM IST

ठंड में कार के हॉट ब्लोअर से क्यों होती है मौत

Kuldeep Panwar

ठंड के मौसम में कार से सफर करने वाले लोग अधिकतर मौकों पर हॉट ब्लोअर चलाकर अंदर का तापमान गर्म करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह कोशिश कई बार मौत का कारण बन जाती है.

एक्सपर्ट्स की मानें तो कार का हॉट ब्लोअर चलाते समय कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है, वरना उसकी गर्माहट आपको मौत के पंजे में लेकर जा सकती है.

दरअसल कार में बैठकर जब हम हॉट ब्लोअर चलाते हैं तो वह अंदर का तापमान तो गर्म कर देता है, लेकिन इससे कार केबिन की सारी ऑक्सीजन धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.

कार का हॉट ब्लोअर चलाने पर आपने कई बार सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द और बेचैनी जैसी लक्षण महसूस किए होंगे. ये लक्षण केबिन के अंदर ऑक्सीजन का लेवल घटने के कारण पैदा होते हैं.

सर्दी के कारण हम कार के शीशे बंद करके हॉट ब्लोअर चलाते हैं, लेकिन कार का वेंटिलेशन सिस्टम Inner Air से Outer Air पर बदलना भूल जाते हैं. यही गलती हमारे दम घुटने का कारण बनती है.

ठंड में हमें यदि कार के एसी में एयर रिसर्कुलेशन का बटन बंद ही रखना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर कार में कार्बन डाइ ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड का लेवल बढ़ता है और ऑक्सीजन खत्म हो जाती है.

कार के शीशे हमें मामूली रूप से उतारकर रखने चाहिए ताकि बाहर की हवा का अंदर सर्कुलेशन होता रहे और ताजी हवा से ऑक्सीजन का लेवल भी लगातार अंदर बना रहे.

यदि शीशे उतारने पर कार में ठंड बढ़ती है तो हम इन्हें थोड़ी-थोड़ी देर बाद उतारकर अंदर की हवा ताजी रखने का तरीका भी आजमा सकते हैं.

कार के शीशे पूरी तरह बंद रखने पर हॉट ब्लोअर चलाने से शीशों पर भाप जम जाती है, जिससे ड्राइवर को सामने सड़क देखने में मुश्किल होती है. इससे एक्सीडेंट भी हो सकता है.