इस बीमा का नाम क्यों है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस? क्या हैं इसके फायदे
DNA WEB DESK
अगर आप कोई वाहन खरीदते हैं तो आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) कराना जरूरी होता है.
साल 2018 से सरकार ने इसे सभी नए वाहनों की खरीद के साथ 5 साल का इंश्योरेंस यानी 4 साल थर्ड पार्टी और एक साल फर्स्ट पार्टी के साथ अनिवार्य कर दिया है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपको किसी दुर्घटना में होने वाले नुकसान की भरपाई करने में अहम रोल निभाता है. बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वाहन चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना या 3 महीने की जेल है.
अब सवाल ये है कि इसका नाम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों है और ये सभी वाहनों के लिए इतनी जरूरी क्यों होता है?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मतलब है कि अगर आपके वाहन से एक्सीडेंट में किसी अन्य व्यक्ति का शारीरिक या संपत्ति का नुकसान हो जाता है तो उसका सारा हर्जाना बीमा कंपनी भरेगी.
सरल भाषा में समझें तो First party: वह व्यक्ति होता है जिसने कि बीमा कंपनी से पॉलिसी खरीद रखी है. यानी पॉलिसीधारक व्यक्ति ही फर्स्ट पार्टी कहलाता है.
Second-party: वह बीमा कंपनी होती है, जिससे कि वाहन बीमा पॉलिसी खरीदी जाती है. इस नाम से कोई पॉलिसी जारी नही होती है.
Third-party: वह व्यक्ति, वाहन या प्रॉपर्टी होती है, जिसे पॉलिसीधारक (first Party) के वाहन से नुकसान पहुंचा है. थर्ड पार्टी बीमा होने पर किसी अन्य व्यक्ति के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है.