सिवन को ISRO ने नौकरी देने से कर दिया था मना, जानिए वजह
Kavita Mishra
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन वैज्ञानिक नहीं बल्कि स्कूल टीचर बनना चाहते थे. उन्होंने हाल में ही कार्यक्रम के दौरान अपने जीवन के किस्से शेयर किए.
उन्होंने यह भी बताया कि चंद्रयान-2 की असफलता के अगले दिन ही चंद्रयान-3 की योजना बनाई गई थी.
के. सिवन ने अपने निजी के बारे में बात करते हुए ये भी बताया कि उन्हें एक बार ISRO ने नौकरी देने से कर मना कर दिया था. आइए हम आपको बताते हैं कि उन्हें नौकरी देने से क्यों मना कर दिया था.
के. सिवन ने बताया कि BE के बाद मैंने नौकरी करने का मन बनाया लेकिन नौकरी हासिल करना आसान काम नहीं था. जिसके बाद मैंने मास्टर्स में दाखिला ले लिया.
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद इसरो के सैटलाइट सेंटर नौकरी मांगने गए. जहां उनसे कहा गया कि तुम किसी काम के नहीं हो और तुम्हें नौकरी नहीं मिल सकती. दफा हो जाओ.
उन्होंने आगे बताया कि एक वक्त ऐसा आया जब मैं उसी संस्थान का अध्यक्ष बना. मुझे सैटलाइट सेंटर में तो नौकरी नहीं मिली थी लेकिन रॉकेट सेंटर में नौकरी मिल गई थी.
इसरो के पूर्व चीफ के. सिवन कहते हैं कि मैंने अपने करियर में जो चाहा वह कभी नहीं मिला. किस्मत ने हमेशा अलग दरवाजे खोले.
सिवन ने बताया कि जब मैं जीएसएलवी का डायरेक्टर बना तो इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह सफल बनाकर ही दम लिया. इस तरीके से इसरो की निगाह में आया.
उन्होंने कहा कि GSLV प्रोजेक्ट बार-बार फेल हो रहा था. इसरो ने मुझे एक ऐसे प्रोजेक्ट का डायरेक्टर बनाया जो 4 बार फेल हो चुका था.