May 18, 2024, 05:29 PM IST

इस श्राप के कारण 2 हिस्सों में बंटी होती है सांप की जीभ

Puneet Jain

अगर आपने कभी ध्यान से देखा हो तो सांप की जीभ दो हिस्सों में बंटी होती है. 

लेकिन क्या आपको इसके पीछे की कहानी पता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका सीधा कनेक्शन महाभारत से है. 

कहानियों के मुताबिक महर्षि कश्यप की कुल 13 पत्नियां थीं. जिसमें से एक का नाम कद्रू था, जो सांपों की माता थीं. 

वहीं दूसरी पत्नी का नाम विनता था, जिनके पुत्र पक्षीराज गरुण हैं . 

एक दिन विनता और कद्रू को एक सफेद घोड़ा दिखा और दोनों के बीच उसकी पूंछ के रंग को लेकर बहस हो गई.

कद्रू उसकी पूंछ को काला और विनता सफेद रंग का बता रही थीं.

कद्रू ने अपने सांप पुत्रों से कहा कि वह घोड़े की पूंछ में जाकर लिपट जाएं जिससे उसकी पूंछ काली दिखे.

लेकिन सांपों ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद गुस्से में कद्रू ने उन्हें राजा जनमेजय के यज्ञ में भस्म होने का श्राप दे दिया.

श्राप मिलने के बाद सभी सांपों ने मां की बात मान ली और घोड़े से लिपट गए, जिसके बाद शर्त हारने के कारण विनता कद्रू की दासी बन गई. 

मां की ऐसी दशा देख गरुण ने कद्रू और उनके पुत्रों से उन्हें मुक्त कराने का उपाय पूछा, जिसपर कद्रू ने उसे स्वर्ग से अमृत लाने को कह दिया.

स्वर्ग से अमृत लाकर गरुण ने उसे धारदार घास पर रख दिया.

अमृत पीने से पहले सभी सांप स्नान करने निकल गए और इतने में देवराज आकर अमृत का कलश उठा ले गए. 

वापस लौटकर सभी सांप उस जगह को चाटने लगे जहां वह कलश रखा था. इस दौरान उनकी जीभ दो हिस्सों में विभाजित हो गई. (यह कहानी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता.)