Dec 29, 2023, 06:33 PM IST

चांद पर चंद्रयान-3 से मिलेगा ISRO का चंद्रयान-4

Kuldeep Panwar

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के इतिहास में चंद्रयान-3 के लैंडर का चांद पर उतरना आज तक का सबसे बड़ा कारनामा रहा है. इससे चांद के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली है.

अब इसरो ने चांद की ज्यादा जानकारी पाने के लिए चंद्रयान-4 लॉन्च करने की तैयारी कर ली है. अब AI ने दिखाया है कि जब चंद्रयान-4 की मुलाकात चांद पर चंद्रयान-4 से होगी तो क्या नजारा होगा.

इसरो चंद्रयान-4 को अगले 4 साल में लॉन्च करेगी. इसमें जापानी अंतरिक्ष एजेंसी JAXA भी साथ दे रही है, क्योंकि इस मिशन में लैंडर को चांद पर केवल उतारना नहीं है बल्कि वहां से वापस भी धरती पर लाना है.

दरअसल इसरो ने चंद्रयान-4 के जरिये चांद की सतह के नमूने यानी वहां की धूल-मिट्टी को धरती पर लाकर उनका परीक्षण करने की तैयारी की है. इससे चांद पर मानव मिशन भेजने में मदद मिलेगी.

अब तक की प्लानिंग के हिसाब से चांद पर इसरो चंद्रयान-4 को भी उसी शिवशक्ति पॉइंट पर उतारेगा, जहां चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम लैंड हुआ था. इससे दोनों चंद्रयान आपस में मुलाकात करेंगे.

इस मिशन के दौरान भारत और जापान की योजना चांद की धरती में करीब 1.5 मीटर का गड्ढा करने के बाद अंदर की मिट्टी के सैंपल लेने की है. इन सैंपल से चांद के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी.

इसरो को उम्मीद है कि चांद की सतह के अंदर की मिट्टी की जांच धरती पर लाने के बाद करने से उसके अंदर पानी के मौजूद होने या नहीं होने की भी पक्की पुष्टि हो पाएगी.

इसरो चांद की सतह में गड्ढा खोदने के लिए चंद्रयान-4 के रोवर को खास तरह के उपकरणों से लैस करके भेजेगा ताकि खुदाई में मुश्किल ना आए और सैंपल आसानी से कलेक्ट हो सकें.

इसरो चंद्रयान-4 के लैंडर और रोवर की बैटरी को भी और ज्यादा एडवांस्ड किस्म की बनाने की तैयारी कर रहा है ताकि वे चांद की 14 दिन लंबी रात में माइनस से सैकड़ों डिग्री ठंडे तापमान में भी सुरक्षित रह सकें.

इसरो ने इस मिशन के लिए 4 साल की डेडलाइन तय की है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें 5-6 साल भी लग सकते हैं. हालांकि इस मिशन के बाद इसरो चांद पर पहले भारतीय को भेजने का सपना भी पूरा कर पाएगा.