Apr 13, 2025, 01:35 AM IST

मौसम के साथ जहर बदल लेता है King Cobra का ये दुश्मन सांप

Kuldeep Panwar

भारत में बारिश के मौसम में हर तरफ सांप दिखाई देना आम बात है. यहां सांप के काटने से हर साल कई हजार लोगों की मौत हो जाती है.

भारत में सांप के काटने से होने वाली मौत के मामले इतने ज्यादा हैं कि हमारे देश को दुनिया की 'स्नेकबाइट कैपिटल' भी कहा जाता है.

भारत में सर्पदंश से मौत का सबसे बड़ा जिम्मेदार किंग कोबरा को माना जाता है, पर असल में उसका दुश्मन रसैल वाइपर ज्यादा खतरनाक है.

रसैल वाइपर सांप के काटते ही शरीर में खून के जमने का गुण खत्म हो जाता है, जिससे दिमाग में ब्लीडिंग और किडनी फेल होने से मौत हो जाती है.

एक रिसर्च के मुताबिक, रसैल वाइपर के जहर में भी खुद को बदलने का गुण है. इसका असर अलग-अलग इलाकों में अलग तरह का होता है.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के इवोल्यूशनरी वेनॉमिक्स लैब के रिसर्चर्स की रिसर्च भारत के 34 अलग-अलग इलाकों पर बेस्ड है.

रिसर्चर्स ने इन इलाकों से 115 रसेल वाइपर के जहर का सैंपल जुटाकर उसका एनालिसिस किया है. इसमें चौंकाने वाला अंतर सामने आया है.

रिसर्च में आया कि कम बारिश वाले इलाकों में तापमान ज्यादा होने से इस सांप के जहर की तीव्रता ज्यादा होती है यानी यह ज्यादा जहरीला है.

जिन इलाकों में बारिश ज्यादा होती है और नमी रहती है, वहां के रसैल वाइपर सांपों के जहर का कम्पोजिशन अन्य इलाकों के मुकाबले अलग है.

इस रिसर्च से यह अनुमान लगाया गया है कि रसेल वाइपर के काटने के बाद एंटीवेनम देने पर भी मरने वाले लोगों की संख्या ज्यादा क्यों होती है?

दरअसल सभी इलाकों में रसेल वाइपर का एंटीवेनम एक जैसा होता है, लेकिन जहर के गुण अलग होने से यह एंटीवेनम सब जगह असर नहीं करता है.

रिसर्चर्स का दावा है कि अब अलग-अलग इलाकों के सांप के जहर के कम्पोजिशन के हिसाब से एंटीवेनम तैयार होगा, जो ज्यादा कारगर रहेगा.