Jan 22, 2025, 09:07 AM IST
कड़ाके की सर्दी में भी नागा साधुओं को क्यों नहीं लगती ठंड?
Raja Ram
ठिठुरती ठंड में भी बिना वस्त्रों के रहने वाले नागा साधुओं का रहस्य आपको चौंका देगा.
कुंभ मेले में जहां भक्त गर्म कपड़ों में नजर आते हैं, वहीं नागा साधु बिना वस्त्रों के कैसे सहन करते हैं सर्दी का प्रकोप?
नागा साधुओं का जीवन ठंड में भी सामान्य रहता है. क्या यह उनके तप और साधना का परिणाम है या कुछ और?
भभूत साधुओं के शरीर पर एक लेयर की तरह काम करती है, जो ठंड से बचाव में मदद करती है.
नागा साधु अपने शरीर पर राख (भभूत) क्यों लगाते हैं? क्या यह सिर्फ धार्मिक परंपरा है, या इसका कोई वैज्ञानिक कारण भी है?
भभूत चिता की राख या धूनी की राख से बनाई जाती है. इसे नागा साधु विशेष पवित्र मानते हैं.
नागा साधुओं का मानना है कि भभूत लगाने से उन्हें मानसिक शांति मिलती है, जिससे उनके शरीर और मन पर ठंड का असर नहीं होता.
नागा साधुओं की साधना और तप उन्हें भीतरी गर्मी प्रदान करती है. यह उनके शरीर को ठंड सहन करने में मदद करता है.
राख और साधना का यह अनूठा मेल न केवल उन्हें ठंड से बचाता है, बल्कि उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है.
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