Mar 10, 2024, 01:57 PM IST

कौन थीं वे तवायफें जिनके सम्मान में आज भी झुकते हैं हिंदुस्तानी?

Abhishek Shukla

भारतीय इतिहास में तवायफ संस्कृति का इतिहास बहुत पुराना है.

तवायफों के कोठे  नृत्य, कला और संस्कृति के संगम होते थे.

राजा, रजवाड़े और शहजादे, वहां अदब सीखने जाते हैं.

देश के इतिहास में कुछ तवायफों का नाम अदब से लिया जाता है.

गौहर जान बनारस की मशहूर तवायफ थीं. उनके गुनगुनाए तराने आज भी घर-घर में सुने जाते हैं.

आप हैरान होंगे लेकिन स्वतंत्रता सेनानी बेगम हजरत महल का असली नाम मुहम्मददी खानम था. वे पेशे से तवायफ थीं लेकिन अवध की बेगम बनीं.

जद्दनबाई संगीतज्ञ थीं. वे अभिनेत्री नर्गिस की मां थीं और संजय दत्त की नानी थीं. वे एक तवायफ घराने से आती थीं.

जोहरा बाई भारतीय शास्त्रीय संगीत की अहम कड़ी रही हैं. वे अपनी आवाज के लिए मशहूर थीं. वे भी तवायफ घराने से आती थीं.

रसूलन बाई बनारस घराने से थीं और संगीत की महारथी थीं. उनकी कद्र उस्ताद बिस्मिल्लाह खान भी करते थे. वे भी तवायफ घराने से थीं.