Jan 22, 2025, 09:10 AM IST

भारत-पाक बंटवारे में इस किताब के भी हुए थे दो टुकड़े

Raja Ram

1947 का बंटवारा केवल सरहदों का नहीं था. ये लाखों दिलों और अनमोल विरासतों का बंटवारा भी था.

भारत और पाकिस्तान के बीच केवल जमीन नहीं, बल्कि हर महत्वपूर्ण चीज को बराबरी से बांटा गया. इसमें सरकारी दफ्तरों से लेकर किताबें तक शामिल थीं.

भारत के पास मौजूद एक ऐतिहासिक किताब पर पाकिस्तान ने अपना दावा जताया. इस किताब की अहमियत इतनी थी कि इसे लेकर विवाद शुरू हो गया.

पंडित जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने इस किताब को किसी भी हाल में अपने पास रखने की मांग की. मामला इतना बढ़ा कि इसे सुलझाने के लिए गवर्नर जनरल को बीच में आना पड़ा.

बढ़ते विवाद को देखते हुए लॉर्ड माउंटबेटन ने किताब को दो हिस्सों में बांटने का आदेश दिया. यह फैसला दोनों देशों के नेताओं को मानना पड़ा.

यह किताब 'एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका' थी, जो उस समय की सबसे महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक पुस्तकों में से एक मानी जाती थी.

किताब के पन्ने और खंड दोनों देशों में बांट दिए गए.आधा हिस्सा भारत के पास रहा, जबकि बाकी हिस्सा पाकिस्तान को सौंप दिया गया.

इस घटना का जिक्र विजय लक्ष्मी बालाकृष्णनन ने अपनी किताब 'Growing Up and Away: Narratives of Indian Childhoods: Memory, History, Identity' में किया है.