Mar 22, 2025, 11:28 PM IST

यहां पाए जाते हैं शराब चुराने वाले नशेड़ी बंदर

Kuldeep Panwar

इंसानों के पूर्वज बंदरों में कई बुरी आदतें भी मानव जैसी ही पाई जाती हैं. यदि आपको बताएं कि बंदर शराबी भी होते हैं तो शायद आप हंसने लगेंगे.

कई रिसर्च में पाया गया है कि बंदर बिल्कुल इंसानों की तरह ही शराब पीने का आनंद लेते हैं. चिंपाजी भी शराब के बहुत बड़े पियक्कड़ होते हैं.

क्रिकेट के लिए मशहूर वेस्टइंडीज यानी कैरेबियाई द्वीप समूहों में सेंट किट्स के ग्रीन वर्वेट बंदरों को सबसे पियक्कड़ बंदर माना जाता है.

सेंट किट्स द्वीप पर ग्रीन वर्वेट बंदरों का मन शराब की बोतल देखते ही डोल जाता है. वे टूरिस्ट्स की शराब चुराने के लिए बेहद कुख्यात हैं.

सेंट किट्स द्वीप पर ग्रीन वर्वेट बंदर 17वीं शताब्दी में उस समय आए थे, जब अंग्रेज इस खूबसूरत द्वीप पर अफ्रीका से गुलामों को लेकर आए थे.

द्वीप पर गन्ने की खेती शुरू की गई, जिसके बीच में बनने वाली फर्मेंटेड शराब ग्रीन वर्वेट बंदरों को बेहद भाने लगी और वे इसके आदी हो गए.

बंदरों ने फिर सेंट किट्स की मशहूर रम (RUM) बनाने वाली फैक्ट्रियों में भी घुसकर शराब पीनी शुरू कर दी और वे शराबी होते चले गए.

यदि आप सेंट किट्स द्वीप पर घूमने जाएं तो होटल में रूम लॉक रखने की सलाह दी जाएगी, वरना बंदर अंदर घुसकर शराब चुरा लेते हैं.

बंदर समुद्र तटों और शराब बार के आसपास घूमते रहते हैं ताकि मौका लगते ही टूरिस्ट्स की शराब चुरा सकें या किसी की छोड़ी शराब मिल जाए.

इन बंदरों का हौसला इतना बुलंद हो चुका है कि शराब देखकर वे बार के अंदर घुसकर टेबल तक पर छलांग लगाकर गिलास उठा ले जाते हैं.

एक रिसर्च के मुताबिक, ये बंदर इतने पियक्कड़ हो गए हैं कि शराब और चीनी का पानी साथ रखने पर वे शराब उठाना ही पसंद करते हैं.

सेंट किट्स द्वीप के बंदर शराब पीने के बाद इंसानों की तरह झूमते हैं और उसी तरह से व्यवहार करते हैं. वे कई बार शराबी की तरह झगड़ते भी हैं.

वैज्ञानिकों ने बंदरों के इस व्यवहार को 'ड्रंकन मंकी हाइपोथेसिस' नाम दिया है. उनका कहना है कि शराब पीने की लत बंदरों में पुरातन काल से है.