Oct 17, 2023, 07:05 PM IST
महाभारत के युद्ध में कौरवों की ओर से ग्यारह अक्षुणी सेना और पांडवों की ओर से सात अक्षुणी सेनाओं ने भाग लिया था.
इस युद्ध में सभी महारथियों और सेनाओं को मिलाकर करीब 50 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था.
यहां अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी सेना के लिए भोजन का इंतजाम कैसे होता था. आइए हम आपको इसका जवाब बताते हैं.
बताया जाता है कि 18 दिन चले इस युद्ध में कुल मिलाकर सवा करोड़ योद्धा-सैनिक मारे गए थे. इनमें करीब 70 लाख कौरव पक्ष से तो 44 लाख लोग पांडव सेना के सैनिक व योद्धा थे.
महायुद्ध में दोनों पक्षों से कुल 18 अक्षौहिणी सेनाएं लड़ी थीं. जिनमें 11 कौरवों के पास और 7 पांडवों के पास थी.
महाभारत के अनुसार, एक अक्षौहिणी में 21,870 रथ, 21,870 हाथी, 65,610 घुड़सवार एवं 1,09,350 पैदल सैनिक होते थे.
कहा जाता है कि इस युद्ध के लिए श्रीकृष्ण ने पूछा था कि क्या किसी ने सोचा है कि दोनों ओर से उपस्थित इतनी विशाल सेना के भोजन का प्रबंध कैसे होगा?
उसके बाद उडुपी नरेश ने कहा था कि इस युद्ध में हिस्सा लेने की मेरी कोई इच्छा नहीं है, इसलिए मैं अपनी पूरी सेना के साथ यहां उपस्थित समस्त सेना के भोजन का प्रबंध करूंगा.
उडुपी नरेश केवल उतने ही लोगों का भोजन बनवाते थे, जितने वास्तव में युद्ध के बाद जीवित होते थे. युद्ध की समाप्ति के बाद युधिष्ठिर ने उडुपी नरेश से सवाल किया था कि आप इतनी विशाल सेना के लिए भोजन का प्रबंध किस प्रकार करते थे कि अन्न का एक दाना भी बर्बाद नहीं होता था.