आपने यूट्यूब पर या अलग-अलग तरह के टीवी प्रोग्राम्स में अलग-अलग देशों की सैनिक ट्रेनिंग देखी होगी. कई ट्रेनिंग बेहद मुश्किल होती हैं.
ट्रेनिंग के दौरान आपने कई बार सैनिकों को अजीब-अजीब चीजें खाते हुए भी देखा होगा. इनमें सांप का खून पीते हुए भी जवान दिखाई देते हैं.
आप भी सोचते होंगे कि आखिर यह कौन सी मिलिट्री ट्रेनिंग है, जिसमें सैनिकों को सांप का खून पिलाया जाता है. चलिए हम इस बारे में बताते हैं.
दरअसल यह सैनिकों को मोर्चे पर मुश्किल परिस्थितियों में भी जिंदा रहने के लिए दी जाने वाले सर्वाइवल ट्रेनिंग का पार्ट होता है.
यह ट्रेनिंग कई देशों की सेनाओं में दी जाती है, लेकिन इसे दुनिया में थाईलैंड की कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल के नाम से जाना जाता है.
यह ट्रेनिंग थाईलैंड में दी जाती है, जिसे लेने के लिए अमेरिका भी अपने खास कमांडोज को हर साल चुनकर थाईलैंड में सीखने के लिए भेजते हैं.
इसमें सैनिक सीखते हैं कि कैसे मुश्किल हालात में भी जिंदा रह सकते हैं. इसमें सांप-बिच्छू जैसे जानवरों को भी खाकर भूख मिटाना भी शामिल है.
उत्तरी थाई प्रांत फिट्सानुलोक में होने वाली ट्रेनिंग में सैनिक बिच्छू, छिपकली जैसे जानवरों को खाना और प्यास बुझाने के लिए सांप का खून पीना सिखाया जाता है.
इस ट्रेनिंग में उष्णकटिबंधीय जंगलों में लड़ाई जैसे हालात में फंसने पर जिंदा रहने के लिए पानी-भोजन की कमी दूर करने का तरीका सिखाते हैं.
इस ट्रेनिंग में सैनिकों को सिखाया जाता है कि जंगलों में रहने के दौरान कौन से पौधे और जीव जिंदा रहने के लिए खाने के लिहाज से सुरक्षित हैं.
इस ट्रेनिंग को लेने के लिए थाईलैंड की सेना के साथ ही अमेरिका, चीन, सिंगापुर, जापान, मलेशिया आदि के कमांडोज भी हिस्सा लेने आते हैं.
पशु अधिकार संगठन PETA के विरोध के बाद हालांकि इस ट्रेनिंग में कुछ बदलाव किए गए हैं. अब इसमें सांप का खून पीना नहीं सिखाते हैं.