Dec 7, 2024, 08:57 PM IST

जहां के लोग इस्लाम न अपनाने पर बने 'काफिर', आज क्या है उस जगह का नाम?

Raja Ram

कभी 'काफिरों' की भूमि, अब नूर का प्रतीक, जानिए अफगानिस्तान के इस पहाड़ी इलाके की दिलचस्प दास्तान.

1859 तक काफिरिस्तान पूरी तरह आजाद था और इसे 'काफिरों की भूमि' के नाम से जाना जाता था.

1896 में अफगान शासक अब्दुर रहमान खान ने बल और जजिया कर लगाकर इस क्षेत्र के लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया. 

 धर्म परिवर्तन के बाद इस क्षेत्र का नाम बदलकर नूरिस्तान रखा गया, जिसका अर्थ है 'प्रकाश की भूमि'

9वीं सदी तक नूरिस्तान काबुल के हिंदू शाही राजवंश का हिस्सा था और इसे कपीश जनपद के नाम से जाना जाता था. 

8वीं से 16वीं सदी तक इस क्षेत्र पर इस्लामी आक्रमण हुए, जिसने यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक संरचना को बदल दिया. 

माना जाता है कि अब्दुर रहमान खान के हमले के बाद भागे लोग पाकिस्तान के चित्राल जिले में बस गए और 'कलश समुदाय' कहलाए. 

कलश लोग बहुदेववादी धर्म का पालन करते हैं और अपने प्राचीन रीति-रिवाजों को जीवित रखे हुए हैं. 

यह समुदाय बकरी पालन और खेती पर निर्भर है. 1970 के दशक में बनी सड़कों ने यहां बदलाव की शुरुआत की.